SC ने बिहार सरकार से पूछा- शिक्षकों के वेतन में असमानता कब होगी दूर होगी,
बिहार के तीन लाख से ज्यादा नियोजित शिक्षकों को नियमित शिक्षकों के समान वेतन देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सरकार से पूछा कि वेतन में असमानता कब दूर होगी। जस्टिस एएम सप्रे और यूयू ललित की पीठ के समक्ष केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने बहस की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को अतिरिक्त आर्थिक सहायता नहीं दी जा सकती क्योंकि ऐसा करने से अन्य राज्यों से भी यही मांग उठेगी।
इस पर पीठ अटॉर्नी जरनल से कुछ सवाल किए और पूछा देश के और किन राज्यों में शिक्षकों को कम वेतन देने की समस्या है। क्या शिक्षकों को वेतन देने को लेकर आर्थिक सहायता की मांग किसी और अन्य राज्य से भी आई है।
क्या इस मुद्दे पर कभी किसी राज्य के साथ उनकी कोई बात हुई है। यदि ऐसी मांगें आई हैं तो उन पर सरकार ने क्या किया है।
पीठ ने अटॉर्नी जनरल से पूछा कि वह शिक्षकों को वेतन विसंगति कितने समय में दूर कर देगा। वहीं सरकार सर्वशिक्षा अभियान और शिक्षा के अधिकार कानून की जरूरतें पूरी करने के लिए शिक्षकों की कमी के बारे में उसकी क्या योजना है। अटॉर्नी जनरल इनका जवाब गुरुवार को देंगे।
*समान काम समान वेतन सूचना 06-09-2018*
आज 19वां सुनवाई समाप्त हो गया समान काम समान वेतन कि चल रही सुनवाई अपने अंतिम पडाव पर पहुँच के कगार पर है कोट द्वारा AG से पाँच सवाल पुछा गया था जिसमेँ एक सवाल का जबाब भी सटिक रूप से नहीं दिया गया कभी 25% कि बढोतरी तो कभी और कुछ कहके टाला गया अंत मे जब AG अपने को असहज महसुस करने लगे तो कह दिया कि अपने वेतन कितना दिया जा रहा है और कितना दिया जाएगा यह राज्य सरकार की जिम्मेवारी है हमारी जबाबदेही नहीं हम सभी राज्यों को आर्थिक पिछडेपन एवं राज्य से मांग के आधार पर राशि देते हैं ।
यह सुनकर बिहार सरकार अंचभित हो गई कि AG यह क्या कह रहे हैं और वे कोट से बाहर निकल गए लंच भी उसी समय हो गया अर्थात आज भी सुनवाई अधुरी मानते हुए पुनः मंगलवार को सुनवाई होगी ।
11 सितंबर 2018 दिन मंगलवार को समान काम समान वेतन की अंतिम सुनवाई होगी उस दिन फैसला सुरक्षित रखा जाएगा अब आगे कोई और भी तारीख नही पड़ेगी इसलिए सभी साथी मंगलवार को मिठाई खरीद कर रखेंगे सूचना मिलते ही खुशी मनानी है ।
बिहार के तीन लाख से ज्यादा नियोजित शिक्षकों को नियमित शिक्षकों के समान वेतन देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सरकार से पूछा कि वेतन में असमानता कब दूर होगी। जस्टिस एएम सप्रे और यूयू ललित की पीठ के समक्ष केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने बहस की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को अतिरिक्त आर्थिक सहायता नहीं दी जा सकती क्योंकि ऐसा करने से अन्य राज्यों से भी यही मांग उठेगी।
इस पर पीठ अटॉर्नी जरनल से कुछ सवाल किए और पूछा देश के और किन राज्यों में शिक्षकों को कम वेतन देने की समस्या है। क्या शिक्षकों को वेतन देने को लेकर आर्थिक सहायता की मांग किसी और अन्य राज्य से भी आई है।
क्या इस मुद्दे पर कभी किसी राज्य के साथ उनकी कोई बात हुई है। यदि ऐसी मांगें आई हैं तो उन पर सरकार ने क्या किया है।
पीठ ने अटॉर्नी जनरल से पूछा कि वह शिक्षकों को वेतन विसंगति कितने समय में दूर कर देगा। वहीं सरकार सर्वशिक्षा अभियान और शिक्षा के अधिकार कानून की जरूरतें पूरी करने के लिए शिक्षकों की कमी के बारे में उसकी क्या योजना है। अटॉर्नी जनरल इनका जवाब गुरुवार को देंगे।
*समान काम समान वेतन सूचना 06-09-2018*
आज 19वां सुनवाई समाप्त हो गया समान काम समान वेतन कि चल रही सुनवाई अपने अंतिम पडाव पर पहुँच के कगार पर है कोट द्वारा AG से पाँच सवाल पुछा गया था जिसमेँ एक सवाल का जबाब भी सटिक रूप से नहीं दिया गया कभी 25% कि बढोतरी तो कभी और कुछ कहके टाला गया अंत मे जब AG अपने को असहज महसुस करने लगे तो कह दिया कि अपने वेतन कितना दिया जा रहा है और कितना दिया जाएगा यह राज्य सरकार की जिम्मेवारी है हमारी जबाबदेही नहीं हम सभी राज्यों को आर्थिक पिछडेपन एवं राज्य से मांग के आधार पर राशि देते हैं ।
यह सुनकर बिहार सरकार अंचभित हो गई कि AG यह क्या कह रहे हैं और वे कोट से बाहर निकल गए लंच भी उसी समय हो गया अर्थात आज भी सुनवाई अधुरी मानते हुए पुनः मंगलवार को सुनवाई होगी ।
11 सितंबर 2018 दिन मंगलवार को समान काम समान वेतन की अंतिम सुनवाई होगी उस दिन फैसला सुरक्षित रखा जाएगा अब आगे कोई और भी तारीख नही पड़ेगी इसलिए सभी साथी मंगलवार को मिठाई खरीद कर रखेंगे सूचना मिलते ही खुशी मनानी है ।



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