राज्य के 69 हजार पारा शिक्षकों को वेतनमान के साथ-साथ स्थायीकरण का तोहफा मिल सकता है, लेकिन इससे पहले उन्हें एक परीक्षा पास करनी होगी। शिक्षा विभाग की ओर से होने वाली परीक्षा में पास करने करने वाले पारा शिक्षकों को ही तय किये जाने वाले वेतनमान और स्थायीकरण का लाभ मिल सकता है।
झारखंड के विभिन्न सरकारी स्कूलों में अपनी सेवा दे रहे करीब 67 हजार पैरा टीचर्स की सेवा नियमित करने के लिए अब परीक्षा ली जाएगी. इस परीक्षा का प्रारूप तैयार करने की जिम्मेदारी स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग को सौंपी गई है.
इस सिलसिले में झारखंड सरकार और पैरा शिक्षकों के प्रतिनिधियों के बीच आम सहमति बनी है. झारखंड के पैरा शिक्षक लंबे समय से सेवा नियमित करने समेत कई अन्य मांगों के लिए आंदोलन कर रहे हैं.
विभाग के सचिव केके खंडेलवाल की अध्यक्षता वाली हाई-लेवल कमेटी की बैठक हुई। इसमें विचार विमर्श के बाद यह सहमति बनी कमेटी में शामिल पारा शिक्षक प्रतिनिधियों ने कहा कि छत्तीसगढ़ की तर्ज पर पारा शिक्षकों को सीधे समायोजन की मांग कर रहे थे। लेकिन कमेटी के अध्यक्ष समेत वित्त सचिव संजय सिंह, स्कूली शिक्षा सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह और झारखंड परियोजना के निदेशक उमा शंकर सिंह ने असहमति जताते हुए कहा कि बिना के परीक्षा सेवा स्थाई संभव नहीं है। पारा शिक्षकों की ओर से बजरंग प्रसाद, हृषिकेश पाठक और शिंटू सिंह ने पक्ष रखा। पारा शिक्षकों के लिए कल्याण कोष गठित करने पर सहमति बनी।
छतीसगढ़ मॉडल लागू करने की थी मांग
पैरा शिक्षकों की मांग थी कि उन्हें छत्तीसगढ़ मॉडल के तर्ज पर सीधे समायोजित किया जाए लेकिन सरकार द्वारा गठित कमिटी ने इस पर असहमति जताते हुए कहा कि बिना परीक्षा लिए सेवा नियमित नहीं की जा सकती है. इस हाई लेवल कमिटी की अध्यक्षता कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग के सचिव के के खंडेलवाल कर रहे थे. इस कमिटी में वित्त सचिव, स्कूली शिक्षा सचिव और झारखंड शिक्षा परियोजना के निदेशक भी शामिल थे. इस दौरान पैरा शिक्षकों के लिए कल्याण कोष गठित करने पर भी सहमति बनी.
पारा शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए गठित कमेटी की सोमवार को प्रोजेक्ट भवन में हुई बैठक में इस पर औपचारिक सहमति बनी। बैठक में पारा शिक्षकों के प्रतिनिधियों ने बिना परीक्षा के वेतनमान देने और स्थायीकरण की मांग की, जिसे कमेटी के अन्य सदस्यों ने नकार दिया।
जेटेट (JTET) पास पारा शिक्षकों की होगी काउंसलिंग
झारखंड के ऐसे पैरा शिक्षक जिन्होंने जेटेट की परीक्षा पास की है, उनके लिए प्राथमिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति के लिए काउंसलिंग होगी. झारखंड में अबतक 2013 और 2016 में जेटेट परीक्षा आयोजित की गई है. इनमें करीब 13 हजार पैरा शिक्षक सफल हुए हैं. साथ ही इस बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि जेटेट की वैद्यता पांच वर्ष से बढ़ाकर सात वर्ष करने की अनुशंसा की जाएगी. पैरा शिक्षकों का प्रतिनिधित्व कर रहे समिति ने पैरा शिक्षकों को प्री अप्रूवल बोर्ड सिफारिशों के अनुरूप वेतनमान दिए जाने का आग्रह भी किया.
इसके अलावा शिक्षक कल्याण कोष के गठन और हाईकोर्ट के आदेश पर खाली पदों पर फिर से काउंसिलिंग कराने पर सहमति बनी। बैठक में शामिल एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधि सिंटू सिंह, ऋषिकेश पाठक और बजरंग प्रसाद ने छत्तीसगढ़ की तर्ज पर अनुभव के आधार पर पारा शिक्षकों के समायोजन का आग्रह किया। साथ ही नियमावली के निर्धारण से पहले एक अप्रैल 2018 से 15,000, 20,000 और 25,000 का मानदेय पारा शिक्षकों को दिया जाये। बैठक में कमेटी के अध्यक्ष कार्मिक सचिव सह अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल, स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह, झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक उमाशंकर सिंह समेत अन्य सदस्य मौजूद थे।



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